
50 साल पुराने आम के वृक्ष को काटकर सुखाया, वन विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में
चंदिया (उमरिया)। एक ओर जहाँ शासन-प्रशासन पर्यावरण संरक्षण और वृक्षों की रक्षा के लिए नियम-कानून बनाकर सख़्ती से पालन की बात करता है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर इन नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। ऐसा ही एक मामला उमरिया जिले के चंदिया रेंज अंतर्गत नरवर बीट से सामने आया है, जहाँ ग्राम बहेरवाह निवासी मोहन यादव पिता लभई यादव पर एक 50 साल पुराने आम के पेड़ को जानबूझकर किल्हाड़ी से छीलकर सुखा देने का आरोप है।ग्रामीणों के अनुसार, उक्त आम का वृक्ष दशकों से क्षेत्र में था और फल देने के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन में भी योगदान दे रहा था। आरोप है कि मोहन यादव द्वारा पेड़ की छाल को चारों ओर से काट दिया गया, जिससे पेड़ पूरी तरह सूख गया और नष्ट हो गया।वन विभाग मौन, कार्यवाही नहींइस गंभीर मामले की जानकारी होने के बावजूद चंदिया क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे क्षेत्रीय लोगों में नाराज़गी और वन विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।पर्यावरण संरक्षण की चिंता सिर्फ कागज़ों तक?इस घटना से यह स्पष्ट हो रहा है कि पर्यावरण संरक्षण के सरकारी प्रयास केवल कागज़ों तक सीमित रह गए हैं। जबकि जमीनी स्तर पर, वृक्षों की कटाई जैसी घटनाएँ बिना डर और दंड के हो रही हैं। ऐसे में शासन द्वारा चलाई जा रही वृक्षारोपण और संरक्षण मुहिम पर भी प्रश्नचिन्ह लगना लाज़िमी है।क्षेत्रीय लोगों की माँगस्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग से मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्षेत्र में निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।