राष्ट्रीय नेताओं ने दिया मार्गदर्शन, 146 प्रतिभागियों ने बढ़ाई एकजुटता की ताकत
दो राज्यों से जुटे प्रतिभागी, उत्साह से भरा माहौल
शहडोल जिले के धनपुरी स्थित स्टॉप क्लब में आदिवासी एकता महासभा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 24 और 25 अगस्त को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में मध्य प्रदेश से 100 और छत्तीसगढ़ से 46 प्रतिभागियों ने भाग लिया। आयोजन स्थल पर दो दिनों तक जोश और ऊर्जा का अनोखा माहौल देखने को मिला। प्रतिभागियों के रहने, खाने और अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी कोयला श्रमिक संघ सीटू के कार्यकर्ताओं ने पूरी निष्ठा और तन्मयता के साथ निभाई।
“यह आयोजन समाज को नई दिशा देगा” – जिला अध्यक्ष अरुण गौतम
कोयला श्रमिक संघ सीटू के क्षेत्रीय सचिव और शहडोल जिला अध्यक्ष अरुण गौतम ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह शिविर आदिवासी समाज की एकजुटता और अधिकारों को सशक्त करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। उन्होंने कहा, “इस तरह के आयोजन न केवल समाज को संगठित करते हैं, बल्कि उनके अधिकारों की लड़ाई को नई दिशा भी देते हैं। यह प्रशिक्षण कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाएगा ताकि वे अपने क्षेत्रों में संगठन की पकड़ बढ़ा सकें और समाज के हक के लिए प्रभावी संघर्ष कर सकें।”
राष्ट्रीय नेताओं ने साझा किए अनुभव
शिविर में कई राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिभागियों को दिशा-निर्देश दिए। पूर्व सांसद और राष्ट्रीय नेता कामरेड बिंद्रा करात ने अपने संबोधन में आदिवासी समाज की एकता और अधिकारों पर विस्तार से बात की। उनके साथ आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सचिव कामरेड दुलीचंद मीणा, सीपीएम पार्टी सचिव मध्य प्रदेश कामरेड बादल सरोज, सीपीएम पार्टी सचिव छत्तीसगढ़ कामरेड जसविंदर सिंह, कामरेड बालचंद्र, सीटू के राष्ट्रीय सचिव एवं मध्य प्रदेश महासचिव कामरेड प्रमोद प्रधान, सीटू के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड रामविलास गोस्वामी, राष्ट्रीय आदिवासी महासभा के मध्य प्रदेश महासचिव कामरेड लालता प्रसाद कोल और अध्यक्ष कामरेड बुद्धसेन सिंह ने भी अपने विचार रखे।
संगठन के कार्यकर्ताओं ने निभाई अहम भूमिका
शिविर के सफल आयोजन में सोहागपुर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा। इनमें कामरेड विनोद राय, कामरेड धीरेंद्र पांडेय, कामरेड इंद्रजीत पटेल, कामरेड नरेंद्र सिंह पटेल, कामरेड फूलचंद जैसवाल, लालजी तिवारी, रामराज तिवारी, राजेश राणा, रूपेंद्र साहनी, अजय मिश्रा, चेतन दास, रमाशंकर शुक्ल, शशांक चतुर्वेदी और नारायण राय के नाम प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं। सभी ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया, जिससे बाहरी प्रतिभागियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
धन्यवाद और भविष्य की योजनाएँ
शिविर के समापन पर धीरेंद्र पांडे ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि यदि आयोजन के दौरान किसी को असुविधा हुई हो तो वे क्षमा प्रार्थी हैं। अंत में अरुण गौतम ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि संगठन और आदिवासी समाज की ताकत और बढ़ाई जा सके।



