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अमरकंटक ताप विद्युत गृह के नाम नया रिकॉर्ड — यूनिट नम्बर-5 ने सतपुड़ा सारनी की यूनिट-10 को पछाड़ा, बना 306 दिन सतत उत्पादन का कीर्तिमान

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अनूपपुर। मध्यप्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित हुआ है। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एमपीपीजीसीएल) के अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई (ATPS) की 210 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट नम्बर-5 ने बिना एक दिन भी बंद हुए लगातार 306 दिन विद्युत उत्पादन कर रिकॉर्ड बना दिया है। इस उपलब्धि ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की यूनिट नम्बर 10 द्वारा वर्ष 2022 में बनाए गए 305 दिन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।

विश्वसनीयता और दक्षता की मिसाल बनी यूनिट-5
यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसी यूनिट ने इसी वित्तीय वर्ष (2024-25) में 300 दिन सतत संचालन का रिकॉर्ड बनाया था। अब लगातार दूसरी बार रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए यूनिट ने अपनी विश्वसनीयता, तकनीकी क्षमता और संचालन उत्कृष्टता को सिद्ध कर दिया है। यूनिट अभी भी बिना रुके विद्युत उत्पादन में लगी हुई है तथा प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकता को लगातार समर्थन दे रही है।

उत्कृष्ट तकनीकी प्रदर्शन
रिकॉर्ड अवधि में यूनिट नम्बर-5 की प्लांट उपलब्धता 99.46% दर्ज की गई, जो कि किसी भी ताप विद्युत गृह के लिए असाधारण मानी जाती है। साथ ही प्लांट लोड फैक्टर (PLF) 97.17% और ऑक्ज़लरी विद्युत खपत मात्र 9.1% रही। ये आँकड़े न सिर्फ यूनिट में स्थापित मशीनरी की गुणवत्ता को दर्शाते हैं, बल्कि संचालन एवं रखरखाव करने वाले अभियंताओं और तकनीकी कर्मचारियों की कार्यकुशलता का प्रमाण भी हैं।

टीम वर्क और समर्पण ने रचा इतिहास
अमरकंटक ताप विद्युत गृह यूनिट नम्बर-5 की इस अद्भुत सफलता का श्रेय एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी की समर्पित तकनीकी टीम, अभियंताओं व कर्मचारियों के निरंतर परिश्रम को जाता है। बिना किसी तकनीकी अवरोध के इतनी लंबी अवधि तक संचालन कर पाना, अत्याधुनिक संचालन नियंत्रण, समय-समय पर रखरखाव और आपूर्ति श्रृंखला की सतत तैयारी के बिना संभव नहीं था।

ऊर्जा मंत्री ने दी विशेष बधाई
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई तथा एमपीपीजीसीएल के प्रबंध संचालक श्री मनजीत सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि हेतु यूनिट नंबर-5 की टीम को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि “यह कीर्तिमान न केवल मध्यप्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में नया विश्वास पैदा करता है, बल्कि प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने यह आशा भी व्यक्त की कि भविष्य में अन्य विद्युत गृह भी इसी प्रकार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
अमरकंटक ताप विद्युत गृह की इस सफलता ने ऊर्जा उत्पादन क्षमता को मजबूती देने के साथ-साथ मध्यप्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नई प्रेरणा दी है। यह रिकॉर्ड ‘मेक इन मध्यप्रदेश’ की उस सोच को भी मज़बूती देता है जिसके अंतर्गत राज्य सरकार स्वच्छ, सुलभ एवं सतत ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है।

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