अनूपपुर।
पर्यावरण संरक्षण और जंगलों के महत्व को लेकर जिले के प्रतिष्ठित द मेगामाइंड विद्यालय के बच्चों ने एक बेहद अनोखे और रचनात्मक अंदाज़ में ‘जंगल बचाओ’ का संदेश दिया। यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए एक शैक्षणिक अनुभव था, बल्कि पूरे जिले में जागरूकता की एक नई लहर भी लेकर आया।
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि स्कूल परिसर को एक दिन के लिए एक सजीव जंगल का रूप दे दिया गया। शिक्षिकाओं और स्टाफ ने पूरे परिसर को पेड़ों, झाड़ियों, जानवरों की आकृतियों और आदिवासी जीवनशैली की झलकियों से सजाया। बच्चों ने जब इस ‘कृत्रिम जंगल’ में कदम रखा, तो उनके मन में जंगलों के प्रति एक नई समझ और संवेदना विकसित हुई। यह रचनात्मक प्रयास न सिर्फ दृश्य रूप से आकर्षक था, बल्कि भावनात्मक रूप से भी बच्चों को प्रकृति के करीब ले गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनूपपुर कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली रहे, जिन्होंने इस अभिनव प्रयास की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने स्वयं पौधरोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और सभी बच्चों से कम से कम एक पौधा लगाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। बच्चों ने सामूहिक रूप से पौधारोपण का संकल्प लेकर इस पहल को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।
इसके बाद विद्यालय के छात्रों द्वारा एक भव्य रैली निकाली गई, जिसमें वे जंगल के जानवरों, पक्षियों और जनजातीय समुदायों की पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। बाघ, हाथी, हिरण, तोता, शिकारी, आदिवासी – हर एक रूप में सजे बच्चों ने यह सशक्त संदेश दिया कि जंगल केवल पेड़-पौधों का घर नहीं, बल्कि अनगिनत जीवों और परंपराओं का संरक्षण स्थल भी हैं। रैली को देखने पहुंचे नगरवासियों ने ताली बजाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया और कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
इस आयोजन में कई सम्माननीय अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया। वन विभाग के रेंजर स्वर्ण गौरव सिंह, लायंस क्लब अध्यक्ष कौशलेन्द्र सिंह, डॉ. राजेन्द्र सोनी, चंद्रकांत पटेल, पी.एस. राऊतराय, अजीत मिश्रा और समाजसेवी शशिधर अग्रवाल जैसे विशिष्ट जनों ने बच्चों की सराहना करते हुए उन्हें प्रकृति के रक्षक बताया।
रैली के दौरान सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया। यातायात विभाग एवं वी केयर हॉस्पिटल द्वारा एम्बुलेंस की सुविधा देकर हर स्थिति के लिए तैयार रहना सुनिश्चित किया गया, जिससे आयोजन पूर्णत: सुरक्षित और व्यवस्थित रहा।
विद्यालय के संचालक आकाश सिंह ने सभी आगंतुकों को स्मृति चिन्ह और पौधों का वितरण कर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस संपूर्ण आयोजन की सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों, विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को दिया, जिन्होंने पूरे दिल से सहयोग किया।
द मेगामाइंड विद्यालय का यह प्रयास साबित करता है कि जब शिक्षा को रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ा जाए, तो बच्चे सिर्फ पढ़ाई में नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी सजग नागरिक बनकर उभरते हैं। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि जंगल बचाना केवल सरकार या संस्थाओं का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
