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जनजातीय अंचल की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर विधानसभा में गूंजा जैतहरी-झांईताल पुल निर्माण का मुद्दा ,अनिल गुप्ता की पहल पर विधायक बिसाहूलाल सिंह ने विधानसभा में उठाया मामला, बाढ़ में एक ग्रामीण की मौत से गहराया संकट

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अनूपपुर।
जिले के जैतहरी विकासखंड के ग्रामीण अंचलों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले जैतहरी-झांईताल मार्ग पर स्थित घोघरा नाला और तिपान नदी में पुल निर्माण की मांग अब राज्य विधानसभा तक पहुँच चुकी है। यह मांग कोई नई नहीं है, लेकिन लगातार उपेक्षा और वर्षा ऋतु में उत्पन्न हो रहे खतरे ने इसे और भी गंभीर बना दिया है। विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता अनिल कुमार गुप्ता द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक पत्र भेजा गया था, जिसमें जनहित को ध्यान में रखते हुए पुल निर्माण की आवश्यकता जताई गई थी। उक्त पत्र विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के वरिष्ठ विधायक बिसाहूलाल सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया था।

पत्र में यह बताया गया था कि अनूपपुर जिले के जैतहरी से झांईताल मार्ग पर स्थित घोघरा नाला एवं तिपान नदी में पूर्व में निर्मित स्टॉप डैम कम रपटा अत्यंत जर्जर हो चुका है। लगभग 40 वर्ष पहले बनी पुलिया अब न केवल क्षतिग्रस्त है, बल्कि वर्षा के दौरान उस पर से पानी बहने लगता है, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है। यह मार्ग करीब 20 जनजातीय गांवों को जोड़ता है और यहां के निवासी शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए इसी मार्ग पर निर्भर हैं।

जनहित को देखते हुए विधायक बिसाहूलाल सिंह ने 9 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री को औपचारिक रूप से पत्र भेजकर उक्त पुल निर्माण कार्य को स्वीकृति देने का अनुरोध किया था। लेकिन छह माह बीत जाने के बावजूद शासन स्तर से कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस उपेक्षा के चलते क्षेत्र में नागरिकों और जनप्रतिनिधियों में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया है।

स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए विधायक बिसाहूलाल सिंह ने अब इस विषय पर विधानसभा का ध्यान आकर्षित करने हेतु 29 जुलाई 2025 को ध्यान आकर्षण सूचना प्रस्तुत की है। उन्होंने प्रमुख सचिव, विधानसभा को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि यह मामला अविलंबनीय सार्वजनिक महत्व का है और इसे सदन में उठाने की अनुमति प्रदान की जाए।

ध्यान आकर्षण सूचना में विधायक ने स्पष्ट किया है कि जैतहरी-झांईताल मार्ग पर स्थित घोघरा नाला एवं तिपान नदी की पुलिया अब पूरी तरह आवागमन योग्य नहीं रह गई है। साथ ही अनुसूचित जनजाति विकास विभाग द्वारा इस मार्ग के पास लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से कन्या शिक्षा परिसर का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन पुल नहीं होने से छात्राओं को विद्यालय तक पहुंचने में जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।

हाल ही में, दिनांक 25 जुलाई 2025 को क्षेत्र में हुई तेज बारिश के दौरान दो ग्रामीण बाढ़ की चपेट में आ गए, जिनमें से एक की मृत्यु हो गई। यह दुखद घटना इस बात का प्रमाण है कि यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो भविष्य में और भी जानमाल का नुकसान हो सकता है।

विधायक ने इस बात पर भी चिंता जताई कि मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर को पूर्व में पत्र भेजकर अवगत कराने के बावजूद आज तक किसी भी मद से उक्त पुल निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं हो सका है। इससे न केवल छात्राओं बल्कि समूचे जनजातीय समाज और अन्य ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि या तो जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि (DMFT) से अथवा किसी अन्य उपयुक्त मद से पुल निर्माण कार्य को शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए, जिससे जैतहरी क्षेत्र के ग्रामीणों को सुरक्षित और सुगम यातायात सुविधा प्राप्त हो सके।

इस मामले के राज्य विधानसभा में उठने के बाद उम्मीद की जा रही है कि शासन अब इस जनसुरक्षा से जुड़े मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए त्वरित निर्णय लेगा। ग्रामीणों, छात्राओं और जनप्रतिनिधियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर शासन जनजीवन की रक्षा की दिशा में एक सार्थक कदम उठा सकता है।

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