राहुल मिश्रा अनूपपुर
(कोतमा):कोतमा में गांजा तस्करी के एक बड़े मामले में पकड़ा गया आरोपी रामपाल पांडेय महज एक भाजपा नेता का रिश्तेदार ही नहीं, बल्कि स्वयं भाजपा कोतमा ग्रामीण मंडल का पूर्व मंत्री रह चुका है। बीती रात कोतमा पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में आरोपी के घर से 40 किलो गांजा बरामद किया गया, जिसे आरोपी ने बिस्तर के नीचे छिपा रखा था। पुलिस की इस कार्रवाई ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।राजनीति के साथ अपराध का गठजोड़?प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामपाल पांडेय 2024 तक भारतीय जनता पार्टी कोतमा ग्रामीण मंडल मंत्री के पद पर कार्यरत था। जब कोतमा विधानसभा से दिलीप जायसवाल को भाजपा ने प्रत्याशी और बाद में मंत्री बनाया, तब रामपाल ने विरोध जताते हुए पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि, विरोध के बावजूद वह बाद में मंत्री दिलीप जायसवाल के स्वागत में भी मंच पर नजर आया।इस घटनाक्रम के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या रामपाल पांडेय ने राजनीतिक पद का उपयोग गांजा तस्करी जैसे अवैध धंधे को संरक्षण देने के लिए किया? या फिर यह पूरी तरह से अलग अपराध है, जो राजनीतिक आड़ में पनपा?भाजपा पदाधिकारियों की सफाईजब इस संबंध में भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि “रामपाल पांडेय वर्तमान में भाजपा का कोई अधिकृत पदाधिकारी नहीं है।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 2024 तक वह ग्रामीण मंडल मंत्री के रूप में संगठन से जुड़ा था।भाजपा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रेस नोट जारी नहीं किया गया है, जिससे आम जनता और कार्यकर्ताओं में और भी सवाल उठ रहे हैं।क्या सिर्फ एक व्यक्ति की गलती? या गहराई तक फैला है नेटवर्क?इस मामले ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन बल्कि राजनीतिक दलों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर एक पूर्व मंडल मंत्री 40 किलो गांजा के साथ पकड़ा जाता है, तो यह मामूली मामला नहीं कहा जा सकता।इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या यह तस्करी का कार्य व्यक्तिगत स्तर पर किया जा रहा था या इसके पीछे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त संगठित नेटवर्क काम कर रहा है।पुलिस की कार्रवाई जारी, कई बिंदुओं पर जांचकोतमा पुलिस ने आरोपी रामपाल पांडेय को हिरासत में लेकर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी से पूछताछ जारी है और संभावना है कि इस मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं।पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी संभव है।यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि राजनीति और अपराध के खतरनाक गठजोड़ की ओर इशारा करता है। यदि कोई व्यक्ति सत्ता के नजदीक रहकर इस प्रकार के गैरकानूनी धंधों को अंजाम देता है, तो यह न सिर्फ न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती है बल्कि जनता के भरोसे पर भी आघात है।
