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संघर्ष के संकल्प के साथ संपन्न हुआ सीटू का 15वां राज्य सम्मेलन, शहडोल के अरुण गौतम बने राज्य सचिव, विनोद कुमार राय को मिली राज्य समिति में जगह

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गुना
संघर्ष में विजय के संकल्प के साथ सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) का तीन दिवसीय 15वां राज्य सम्मेलन गुरुवार को क्रांतिकारी जोश और नए उत्साह के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन के दौरान महासचिव प्रतिवेदन और पिछले तीन वर्षों की आय-व्यय रिपोर्ट पर दो दिनों तक चली चर्चा में कुल 66 प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। विचार-विमर्श के उपरांत रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

सम्मेलन में आगामी तीन वर्षों के लिए 71 सदस्यीय नई राज्य समिति का गठन किया गया, जिसमें 27 पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से किया गया। नई समिति में पूषन भट्टाचार्य को अध्यक्ष, प्रमोद प्रधान को महासचिव तथा कालका प्रसाद को कोषाध्यक्ष चुना गया।

कार्यक्रम के दौरान सीटू के आगामी राष्ट्रीय सम्मेलन, जो 31 दिसंबर 2025 से 4 जनवरी 2026 तक विशाखापट्टनम में आयोजित होगा, के लिए 10 प्रतिनिधियों का चयन भी किया गया। इस सूची में शहडोल जिले से अरुण गौतम को राज्य सचिव पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई, जबकि विनोद कुमार राय को राज्य कार्यसमिति में स्थान मिला। इन नियुक्तियों से शहडोल जिले के श्रमिक संगठनों और मजदूर वर्ग में खुशी और उत्साह का माहौल है।

राज्य सचिव पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद अरुण गौतम ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का विषय है, साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी। उन्होंने कहा कि वे संगठन के सिद्धांतों और विचारधारा पर चलते हुए मजदूर वर्ग की आवाज को और अधिक मजबूती देंगे। वर्तमान समय में देशभर में श्रमिकों के अधिकारों पर बढ़ते हमलों को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में संगठनात्मक एकता ही मजदूर वर्ग की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मजदूरों, किसानों और आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष को और सशक्त किया जाएगा।

अरुण गौतम ने आगे कहा कि यह सम्मेलन सीटू की एकजुटता, अनुशासन और संघर्षशीलता का प्रतीक है। संगठन की प्रत्येक शाखा को मजबूत बनाना, श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए आवाज बुलंद करना और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना करना ही इस सम्मेलन का उद्देश्य रहा।

सम्मेलन के समापन सत्र में सभी प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर श्रमिक वर्ग के अधिकारों की रक्षा, सामाजिक-आर्थिक न्याय की स्थापना और संगठन की मजबूती के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। सम्मेलन का समापन “संघर्ष ही विजय का मार्ग है” के जोशीले नारों के साथ हुआ।

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