शहडोल/सोहागपुर
कोल इंडिया प्रबंधन एवं भारत सरकार की हठधर्मिता के चलते इस वर्ष भी कोल कर्मचारियों का वार्षिक बोनस संकट में है। परंपरागत रूप से दशहरा से पूर्व कर्मचारियों को बोनस भुगतान किया जाता है, किंतु 22 सितम्बर 2025 को दिल्ली में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक असफल रहने के बाद श्रमिक संगठनों ने कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है।
इसी क्रम में 24 सितम्बर 2025 को बंगवार एवं राजेंद्र खदानों में विशाल गेट मीटिंग का आयोजन किया गया। बैठक में श्रमिकों ने एक स्वर में कहा कि यदि दशहरा के पूर्व बोनस का भुगतान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।
गेट मीटिंग में अपने विचार रखते हुए अरुण गौतम, क्षेत्रीय सचिव (सीटू) ने कहा कि बोनस श्रमिकों का अधिकार है और इसे समय पर मिलना चाहिए। विनोद राय, क्षेत्रीय जेसीसी (सीटू) एवं राकेशकांत पांडे, अध्यक्ष (एचएमएस) ने भी प्रबंधन को चेतावनी दी कि श्रमिकों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए।
बैठक को धीरेंद्र पांडे, इंद्रजीत पटेल (क्षेत्रीय वेलफेयर बोर्ड सदस्य, सीटू), नरेंद्र सिंह पटेल (क्षेत्रीय सेफ्टी बोर्ड सदस्य, सीटू), मनोज द्विवेदी (एचएमएस, एरिया वेलफेयर बोर्ड सदस्य), विनोद शर्मा (क्षेत्रीय वेलफेयर बोर्ड सदस्य), विकास पांडे, फूलचंद जैसवाल, लालजी तिवारी, रामराज तिवारी सहित कई श्रमिक नेताओं ने संबोधित किया।
दोनों खदानों में भारी संख्या में श्रमिकों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि प्रबंधन ने मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा। श्रमिक नेताओं ने यह भी मांग रखी कि दशहरा पूर्व प्रत्येक श्रमिक को कम से कम 1 लाख रुपये एडवांस बोनस के रूप में दिए जाएं।
इसी बीच, एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कोलकाता हाई कोर्ट ने कोल इंडिया की मानकीकरण समिति में INMF (इंटक) को शामिल करने का आदेश दिया है। इस फैसले का सभी श्रमिक संगठनों ने स्वागत किया और कहा कि इससे बोनस सहित अन्य लंबित मांगों के समाधान में सभी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
सभी श्रमिक संगठनों ने साफ कहा है कि अब निर्णय की घड़ी आ गई है। प्रबंधन और सरकार यदि समय पर बोनस का भुगतान सुनिश्चित नहीं करती है तो इस बार आंदोलन पूरे क्षेत्र में व्यापक रूप से होगा।