सोहागपुर
कोल इंडिया एवं भारत सरकार की हठधर्मिता के चलते दो लाख बीस हजार कोयला कर्मचारियों का सालाना बोनस, जो हर साल दशहरे से पूर्व दिया जाता है, इस वर्ष भी अधर में लटक गया है। 22 सितंबर को दिल्ली में हुई बैठक असफल रहने के बाद मजदूर संगठनों का आक्रोश चरम पर है। इसी कड़ी में 23 सितंबर 2025 को दामिनी खदान गेट पर एक विशाल गेट मीटिंग आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सीटू के क्षेत्रीय सचिव कामरेड अरुण गौतम ने की।
गेट मीटिंग में उपस्थित सैकड़ों श्रमिकों ने “बोनस नहीं तो काम नहीं” के नारे लगाए और प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि दशहरे के पहले बोनस का भुगतान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। मीटिंग में यह भी मांग रखी गई कि सभी श्रमिकों को एक लाख रुपए एडवांस तुरंत उपलब्ध कराया जाए, ताकि त्योहार पर उनके परिवारों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
गेट मीटिंग में प्रमुख रूप से सीटू से विनोद राय (क्षेत्रीय जेसीसी), धीरेंद्र पांडे, इंद्रजीत पटेल (क्षेत्रीय वेलफेयर बोर्ड सदस्य), नरेंद्र सिंह पटेल (क्षेत्रीय सेफ्टी बोर्ड सदस्य), एचएमएस से मनोज द्विवेदी (एरिया वेलफेयर बोर्ड सदस्य), एटक से अरुण शुक्ला (एरिया सेफ्टी बोर्ड सदस्य), शिव रत्नाकर (एचएमएस सचिव दामिनी), रुपेंद्र साहनी (सीटू सचिव दामिनी), नारायण राय (सीटू अध्यक्ष दामिनी), विकास शुक्ला (सचिव दामिनी), काजू जायसवाल (एटक अध्यक्ष दामिनी), मनेफर पनाडिया सहित दामिनी भूमिगत खदान के श्रमिक भारी संख्या में मौजूद रहे।
नेताओं ने प्रबंधन को दो टूक चेतावनी दी कि अगर दशहरे के पहले बोनस नहीं दिया गया तो काम बंद आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कोल इंडिया प्रबंधन एवं केंद्र सरकार की होगी




