अमरकंटक, 2 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थल अमरकंटक में इन दिनों एक चिंताजनक सामाजिक प्रवृत्ति देखने को मिल रही है। यहां लगभग दो दर्जन नाबालिग छात्र-छात्राएं विद्यालय छोड़कर दिनभर मंदिर परिसर और घाटों के आसपास पर्यटकों व श्रद्धालुओं को चंदन लगाने का कार्य कर रहे हैं। सावन मास की शुरुआत के साथ यह गतिविधि तेज़ी से बढ़ी है, जिससे शिक्षा व्यवस्था और धार्मिक वातावरण दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन बच्चों के अभिभावक भी उन्हें पढ़ाई के बजाय इस कार्य के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। जब मंदिर ट्रस्ट या प्राधिकरण के कर्मचारी उन्हें रोकने का प्रयास करते हैं, तो वे विवाद करने लगते हैं। यह स्थिति न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है, बल्कि राज्य सरकार की शैक्षिक योजनाओं को भी चुनौती देती है।
इसके साथ ही रामघाट और नर्मदा मंदिर क्षेत्र में कुछ असामाजिक व नशेड़ी तत्व भी चंदन लगाने की आड़ में सक्रिय हो गए हैं। ये लोग दिन में पर्यटकों से पैसे कमाते हैं और शाम होते ही नशे में मंदिर परिसरों और घाटों पर घूमते नजर आते हैं। कई बार इनकी गतिविधियों से यात्रियों को असुविधा होती है और तीर्थस्थल की गरिमा प्रभावित होती है।
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय नागरिकों, पुजारियों और सामाजिक संगठनों ने नाराजगी जताते हुए नगर परिषद अमरकंटक, विकास प्राधिकरण और अनूपपुर जिले के कलेक्टर हर्षल पंचोली से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनकी मांग है कि मंदिर क्षेत्र में अवैध रूप से चंदन लगाने वालों पर प्रतिबंध लगाया जाए, नशेड़ी तत्वों को हटाया जाए और नाबालिग बच्चों को विद्यालय वापस भेजने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाए।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि समय रहते इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो अमरकंटक की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।



