अमरकंटक, 19 जुलाई 2025
मां नर्मदा की पावन भूमि अमरकंटक स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में आयोजित 38वीं तीन दिवसीय क्षेत्रीय स्तरीय एथलेटिक प्रतियोगिता का समापन समारोह 19 जुलाई को हर्षोल्लास और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस भव्य आयोजन का नेतृत्व विद्यालय के प्राचार्य श्री आशीष शुक्ला द्वारा किया गया, जबकि आयोजन जिला क्रीड़ा अधिकारियों के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
तीन दिवसीय प्रतियोगिता (17 जुलाई से 19 जुलाई) में खिलाड़ियों ने प्रातः 6 बजे से सायं 5 बजे तक विभिन्न ट्रैक और फील्ड इवेंट्स में अपना दमखम दिखाया। रिले रेस, 400 मीटर दौड़ जैसे मुकाबलों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
प्रमुख परिणामों में रहे ये विजेता:
- अंडर-19 (बालक वर्ग): कटक प्रथम, रायपुर द्वितीय, बिलासपुर तृतीय
- अंडर-19 (बालिका वर्ग): बिलासपुर प्रथम, रायपुर द्वितीय, कटक तृतीय
- अंडर-17 (400 मी. दौड़, बालक वर्ग): कटक प्रथम, उज्जैन द्वितीय, बिलासपुर तृतीय
- अंडर-14 (400 मी. दौड़, बालिका वर्ग): उज्जैन प्रथम, रायपुर द्वितीय, बिलासपुर तृतीय
- अंडर-17 रिले रेस (बालक वर्ग): रायपुर प्रथम, बिलासपुर द्वितीय, भोपाल तृतीय
- अंडर-14 रिले रेस (बालक वर्ग): कटक प्रथम, रायपुर द्वितीय, बिलासपुर तृतीय
पदक तालिका में चमके ये क्लस्टर:
- बालक वर्ग विजेता: कटक (14 स्वर्ण, 12 रजत, 10 कांस्य)
- बालिका वर्ग विजेता: बिलासपुर (14 स्वर्ण, 13 रजत, 10 कांस्य)
- ओवरऑल चैंपियनशिप:
- विजेता: बिलासपुर क्लस्टर (25 स्वर्ण, 26 रजत, 22 कांस्य)
- रनर-अप: रायपुर क्लस्टर (20 स्वर्ण, 21 रजत, 20 कांस्य)
समापन समारोह की गरिमा:
समारोह में प्राचार्य श्री आशीष शुक्ला ने विजयी खिलाड़ियों को पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया तथा प्रतियोगिता की सफलता में योगदान देने वाले समस्त शिक्षकों, प्रशिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ शिक्षक श्री डी.एस. सेंगर ने भी मंच से सभी सहभागियों का आभार जताया।
कार्यक्रम में श्री उमाशंकर पाण्डेय मुन्नू, श्री धनंजय तिवारी और श्री श्रवण उपाध्याय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मंच संचालन का दायित्व कुशलता से श्री आर.के. झा, श्री सचिन जाटव, श्री शेख वहीद, और सुश्री अंबिका राय ने निभाया।
समापन अवसर पर विद्यालय परिवार के समस्त शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन को भव्यता प्रदान की।
यह प्रतियोगिता न केवल खेल प्रतिभाओं के मंचन का अवसर बनी, बल्कि अनुशासन, सौहार्द और खेल भावना का प्रतीक भी रही।




