अनूपपुर,
जैतहरी के वार्ड क्रमांक 01 लाईनपार निवासी नंदलाल उर्फ नंदू सोनी द्वारा ग्राम जैतहरी स्थित शासकीय भूमि आराजी ख.नं. 547 (S), रकबा 0.0320 हेक्टेयर पर अवैध रूप से दो मंजिला पक्का भवन बनाकर व्यवसायिक उपयोग में लिए जाने का मामला अब भी शासन की उदासीनता का शिकार बना हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह भूमि पूर्व में रामनाथ पिता बजरंगी के नाम दर्ज थी, जो अब दिवंगत हैं और जिनका कोई वैध उत्तराधिकारी नहीं है। बावजूद इसके नंदलाल सोनी ने उक्त भूमि पर नगर परिषद जैतहरी की अनुमति के बिना निर्माण कर उसे किराए पर दे रखा है। इससे शासन को लाखों रुपये के संपत्ति कर की क्षति हो रही है।
गौरतलब है कि इस संबंध में 26 मार्च 2025 को जिला कलेक्टर, अनूपपुर को एक लिखित ज्ञापन सौंपकर उक्त भूमि से अतिक्रमण हटाने और शासन के नाम दर्ज करने की मांग की गई थी, किंतु आज दिनांक तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि शासन की निष्क्रियता के कारण अतिक्रमणकारी खुलेआम लाभ उठा रहा है और शासन को निरंतर आर्थिक नुकसान हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, नंदलाल सोनी न केवल भूमिहीन नहीं हैं, बल्कि इसी तरह बस स्टैंड क्षेत्र में भी एक शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर दुकान बनाकर किराए से दे रहे हैं। उक्त मामले में नगर परिषद जैतहरी द्वारा थाना जैतहरी में प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है और आरोपी उच्च न्यायालय जबलपुर से अग्रिम जमानत पर है।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार, किसी मृतक भूमिस्वामी की भूमि को शासन ‘शिकस्त’ कर अपने नाम दर्ज कर सकता है। जनहित में इस भूमि पर आंगनवाड़ी भवन या सिविल न्यायालय जैतहरी के निर्माण का भी प्रस्ताव दिया गया है, किंतु अब तक कोई प्रगति नहीं हुई।
शिकायतकर्ताओं ने शासन से पुनः मांग की है कि जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाकर भूमि को शासन के नाम दर्ज कर उचित उपयोग में लाया जाए तथा टैक्स चोरी की राशि की वसूली करते हुए दोषी के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।