• Sat. Jul 19th, 2025

News Junction MP Chhattisgarh

India #1 News Platform

गुरुपूर्णिमा महोत्सव पर अमरकंटक के शांति कुटी आश्रम में आरंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा, बारिश के बीच निकली भक्ति भाव से ओतप्रोत कलश यात्रा

Spread the love

अमरकंटक।
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पावन नगरी अमरकंटक में गुरुपूर्णिमा पर्व पर भव्य धार्मिक आयोजन की शुरुआत हुई। शुक्रवार, 04 जुलाई 2025 से शांति कुटी आश्रम में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। यह दिव्य आयोजन अनंतश्री विभूषित महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी श्री रामभूषण दास जी महाराज के पावन सान्निध्य में प्रारंभ हुआ, जिसमें बृजवासी (जयपुर) के कथा व्यास पंडित श्री कृष्णकांत शर्मा जी ने व्यासपीठ से कथा का वाचन प्रारंभ किया।

प्रमुख यजमान के रूप में श्रीमती मीनू सर्वेंद्र रस्तोगी (मेरठ, उ.प्र.) एवं श्रीमती अंजली दिनेश शुक्ला (बिलासपुर, छ.ग.) उपस्थित रहीं। सभी धार्मिक अनुष्ठान आचार्य पंडित शिवम् चतुर्वेदी (चेन्नई) के आचार्यत्व में संपन्न हो रहे हैं। कथा प्रतिदिन सायं 4 बजे से 7 बजे तक श्रवण हेतु खुली रहेगी।

बारिश के बीच भक्ति में डूबी कलश शोभायात्रा

कथा आरंभ से पूर्व आश्रम से एक विशाल कलश शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाएं कलश सिर पर धारण कर नगर भ्रमण पर निकलीं। श्री भागवत पुराण को माथे पर रखकर श्रद्धालुओं ने शांति कुटी आश्रम से लेकर नर्मदा उद्गम मंदिर तक की यात्रा पूर्ण की। बारिश के बावजूद भक्ति भाव में कोई कमी नहीं आई — ढोल-नगाड़ों की गूंज और भक्तों की उत्साहपूर्वक सहभागिता ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

विशेष आयोजन भी होंगे संपन्न

6 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी पर नर्मदा तट रामघाट पर नर्मदा पूजन, दीपदान एवं महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जिसके प्रमुख यजमान श्रीमती संगीता सुरेश पांडेय (चांपा, छ.ग.) होंगी।

7 जुलाई को आश्रम परिसर में ध्वज पूजन और ध्वजारोहण का कार्यक्रम होगा, जिसकी यजमान श्रीमती सरोज रमेश पोद्दार (मनेंद्रगढ़, छ.ग.) रहेंगी।

गुरुपूर्णिमा का महत्व

श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज ने बताया कि गुरुपूर्णिमा केवल पर्व नहीं, यह गुरुओं के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और भक्ति व्यक्त करने का विशेष अवसर है। इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्मदिवस भी मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों और पुराणों की रचना कर सनातन ज्ञान को संरक्षित किया।

जीवन की सीख देती है कथा – कथा व्यास

कथा वाचक आचार्य कृष्णकांत शर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, “जो भी भक्त श्रद्धा से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करता है, उसे जीवन जीने की प्रेरणा, मोक्ष का मार्ग और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।”

अमरकंटक में गुरुपूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु विभिन्न आश्रमों में पहुंचते हैं। शिष्य अपने गुरुओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं और भक्ति में लीन होकर गुरुओं के उपदेशों का पालन करने का संकल्प लेते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *