बंगवार, 03 जुलाई 2025 —
दिनांक 03 जुलाई 2025 को बंगवार भूमिगत खदान के मुख्य द्वार पर श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण गेट मीटिंग का आयोजन किया गया। इस बैठक में एच.एम.एस, एटक, इंटक और सीटू से जुड़े पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में श्रमिकों ने भाग लिया। बैठक सुबह 7:30 बजे प्रारंभ होकर 9:00 बजे तक चली।
बैठक का उद्देश्य आगामी 9 जुलाई को प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में श्रमिकों को जागरूक करना और एकजुटता का संदेश देना था। बैठक में वक्ताओं ने श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खनन क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा, रोजगार की स्थायीत्व, न्यूनतम वेतन में संशोधन, ठेका प्रथा पर अंकुश जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सरकार और प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। इन्हीं कारणों से 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई है, जिसमें बंगवार क्षेत्र के मजदूर भी पूर्ण भागीदारी निभाएंगे।
बैठक में एच.एम.एस से राकेश पाण्डेय एवं नीरज चतुर्वेदी, इंटक से कैलाश यादव, एटक से रावेंद्र शुक्ला और सीटू से अरुण गौतम एवं राकेश राय जैसे वरिष्ठ पदाधिकारियों ने श्रमिकों को संबोधित किया। इसके अलावा क्षेत्रीय वेलफेयर बोर्ड के सदस्य इंद्रजीत पटेल और धीरेन्द्र पांडेय ने भी मजदूर हितों को लेकर अपने विचार रखे।
इकाई स्तर पर भी विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। एटक से मुकेश राय, दुखीराम एवं दीपक चौहान, इंटक से राजेश तिवारी, एच.एम.एस से तुलसी यादव और विकास चंद्र पांडेय, जबकि सीटू से फूलचंद्र जायसवाल, रमाशंकर शुक्ला और लालजी तिवारी ने बैठक में भाग लिया।
बैठक में उपस्थित सभी वक्ताओं ने एकमत से यह कहा कि जब तक श्रमिकों की आवाज़ को सुना नहीं जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने श्रमिकों से आह्वान किया कि वे 9 जुलाई को होने वाली हड़ताल में अनुशासित रूप से भाग लें और मजदूर हितों की रक्षा हेतु अपनी एकता का परिचय दें।
इस अवसर पर बंगवार इकाई के सैकड़ों श्रमिकों की उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि वे अपने अधिकारों को लेकर न केवल सजग हैं, बल्कि संगठित होकर संघर्ष करने के लिए भी तैयार हैं। गेट मीटिंग का वातावरण पूरी तरह से अनुशासित, उद्देश्यपरक और प्रेरणादायक रहा।
इस प्रकार संयुक्त मोर्चा द्वारा आयोजित यह गेट मीटिंग क्षेत्रीय श्रमिक आंदोलन की दिशा में एक सशक्त कदम के रूप में देखी जा रही है, जिससे आगामी हड़ताल को बल मिलेगा और श्रमिकों की मांगों को मजबूती से उठाया जा सकेगा।



