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शिवदयाल शुक्ला हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग, ब्राह्मण समाज एवं ग्रामीणों ने डीजीपी को सौंपा ज्ञापन

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उमरिया/शहडोल। शहडोल जिले के पाली थाना क्षेत्र के ग्राम अमिलिहा में 4 जून 2025 की रात शिवदयाल शुक्ला की नृशंस हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध को एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी न होने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश और भय व्याप्त है। इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार, बल्कि पूरे गांव को असुरक्षा के माहौल में धकेल दिया है। डर के कारण मृतक के परिजनों को अपना पुश्तैनी घर छोड़कर शहडोल में किराए के मकान में शरण लेनी पड़ी है, जिसने उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और दयनीय बना दिया है।

ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस की निष्क्रियता

वाल्मीक गौतम के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), भोपाल को ज्ञापन सौंपकर इस हत्याकांड की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने पाली थाना पुलिस की निष्क्रियता पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इतने समय बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। वाल्मीक गौतम ने कहा, “पुलिस की लापरवाही के कारण अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं, जिससे गांव में डर का माहौल है। हमारी मांग है कि इस मामले की जांच एक सक्षम और निष्पक्ष अधिकारी को सौंपी जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिले और गांव में शांति बहाल हो।”

शिवदयाल शुक्ला की हत्या के बाद उनके परिवार की स्थिति अत्यंत दुखद हो गई है। डर के मारे परिवार को अपना पुश्तैनी घर छोड़ना पड़ा और शहडोल में किराए के मकान में रहना पड़ रहा है। इस घटना ने परिवार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को गहरी चोट पहुंचाई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस हत्याकांड ने पूरे गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है। लोग रात में अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं, और क्षेत्र में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।

ज्ञापन में मांग: निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई

ग्रामीणों ने डीजीपी को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की है कि इस हत्याकांड की जांच एक सक्षम, निष्पक्ष और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया गया, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है, जिससे क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर और गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ज्ञापन की प्रतिलिपि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और शहडोल परिक्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को भी प्रेषित की गई है, ताकि उच्च स्तर पर इस मामले का संज्ञान लिया जाए और शीघ्र न्याय सुनिश्चित हो।

पाली थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि हत्याकांड के बाद से पुलिस ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की उदासीनता के कारण अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं, जिसने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को चिंताजनक बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता ने न केवल पीड़ित परिवार, बल्कि पूरे गांव के लोगों में अविश्वास पैदा किया है।

ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यदि समय रहते अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। बालमीक शुक्ला ने कहा, “हम चुप नहीं बैठेंगे। यह मामला केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़ा है। यदि पुलिस और प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो हम सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग करेंगे।” ग्रामीणों की एकजुटता और उनकी मांग इस बात का संकेत है कि वे अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।

इस हत्याकांड ने अमिलिहा गांव और आसपास के क्षेत्रों में असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो स्थिति इतनी गंभीर न होती। इस घटना ने क्षेत्र में अपराध नियंत्रण और पुलिस की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का मानना है कि निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई ही क्षेत्र में शांति और विश्वास बहाल कर सकती है।

यह हत्याकांड अब केवल एक आपराधिक घटना का मामला नहीं रहा, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की जवाबदेही और कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। ग्रामीणों की मांग और उनकी आंदोलन की चेतावनी ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करते हैं और क्या पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिल पाएगा।

न्याय की उम्मीद

शिवदयाल शुक्ला हत्याकांड ने न केवल अमिलिहा गांव, बल्कि पूरे शहडोल जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों की एकजुटता और उनकी मांग इस बात का प्रतीक है कि वे अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए अब चुप नहीं रहेंगे। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश होगी। क्या इस हत्याकांड के दोषियों को सजा मिलेगी और क्या ग्रामीणों का विश्वास कानून-व्यवस्था पर बहाल हो पाएगा, यह आने वाला समय बताएगा।

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