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अमरकंटक नर्मदा मंदिर परिसर की दीवारों पर श्रद्धालुओं द्वारा नाम लिखने की प्रवृत्ति बढ़ी, संस्कृति के नाम पर बन रही गलत धारणा – मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन से सख्त कार्यवाही की मांग

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अमरकंटक। मध्यप्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरी अमरकंटक स्थित श्री नर्मदा उद्गम मंदिर परिसर में बीते कुछ समय से एक अनुचित परंपरा पनप रही है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु, पर्यटक और दर्शनार्थी पूजन-अर्चन के पश्चात मंदिर समूह की दीवारों पर अपने प्रियजनों के नाम लिख रहे हैं। यह कार्य हनुमान जी के चोले से निकाले गए सिंदूर से किया जा रहा है, जिससे न केवल मंदिर की दीवारें गंदी हो रही हैं, बल्कि यह धार्मिक मर्यादा और संस्कृति के नाम पर एक गलत धारणा को जन्म दे रहा है।

यह देखा गया है कि अमरकंटक महादेव मंदिर, माता पार्वती मंदिर, भगवान विष्णु मंदिर, गोरखनाथ मंदिर तथा गणेश जी की प्रतिमा के आसपास की दीवारों पर श्रद्धालुओं द्वारा नाम, हृदय की आकृति और विभिन्न चित्र लिख दिए गए हैं। इसके कारण मंदिर परिसर की सौंदर्यता और गरिमा को ठेस पहुँच रही है। श्रद्धालुओं द्वारा लिखे गए ये नाम अब स्थानीय लोगों और अन्य तीर्थयात्रियों के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।

संभागीय मुख्यालय शहडोल से आए श्रद्धालु राजेश सोंधिया ने अपने साथियों के साथ नर्मदा पूजन के दौरान जब इस दृश्य को देखा तो उन्होंने गहरी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह एक निंदनीय कृत्य है, जो मंदिर की पवित्रता को खंडित करता है। उनके अनुसार श्रद्धा और आस्था का यह कोई सही तरीका नहीं है और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे कार्यों पर रोक लगाए।

वहीं मंदिर के पुजारी धनेश द्विवेदी ‘बंदे महाराज’ ने भी इस प्रवृत्ति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि भगवान हनुमान जी के चोले से सिंदूर निकालकर अपने परिवारजनों, पत्नी, पुत्र या प्रेमिका का नाम लिखना धर्म, संस्कृति और आस्था के मूल भाव के विपरीत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे कोई भगवान का प्रिय नहीं बनता, बल्कि मंदिर की दीवारें अशोभनीय और अपवित्र हो जाती हैं। पुजारी ने यह मांग की कि मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को इस विषय में तत्काल कदम उठाना चाहिए और मंदिर परिसर में ऐसे कृत्य को रोकने के लिए निगरानी कर्मी नियुक्त किए जाएं।

इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र से आए अनेक तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं ने भी नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ मंदिर की गरिमा को नुकसान पहुँचा रही हैं। उन्होंने यह मांग की कि प्रशासन द्वारा सख्ती से इस पर कार्यवाही की जाए ताकि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहे।

मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन को सुझाव दिया गया है कि वे इस विषय में सतर्कता दिखाते हुए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाएं, ऐसे स्थलों पर सतर्क सुरक्षा कर्मी तैनात करें और समय-समय पर दीवारों की सफाई कराएं। साथ ही लाउडस्पीकर या सूचना पटों के माध्यम से श्रद्धालुओं को इस संबंध में जागरूक किया जाए कि वे मंदिर की दीवारों को गंदा न करें और धार्मिक मर्यादा का पालन करें।

श्री नर्मदा उद्गम मंदिर परिसर एक पावन तीर्थ स्थल है जहाँ देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। ऐसे में मंदिर की गरिमा और धार्मिक वातावरण को बनाए रखना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कार्यवाही अपेक्षित है ताकि यह गलत परंपरा भविष्य में और न फैले।

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