अनूपपुर, 28 जून 2025: नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ के साथ ही बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए थाना यातायात परिसर में स्कूल संचालकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्कूली वाहनों के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुरूप सभी सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
बैठक में जिला परिवहन अधिकारी श्री सुरेंद्र सिंह गौतम और यातायात प्रभारी ज्योति दुबे ने स्कूल संचालकों को स्कूली वाहनों के संचालन से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूल वाहनों में निम्नलिखित मापदंडों का पालन अनिवार्य है:
- दस्तावेजों की पूर्णता: वाहनों के बीमा, फिटनेस, परमिट, और प्रदूषण सर्टिफिकेट जैसे सभी दस्तावेज पूर्ण और अद्यतन होने चाहिए।
- वाहन की पहचान: स्कूल वाहनों का रंग पीला होना चाहिए, साथ ही वाहन पर “स्कूल बस/वेन” या अनुबंधित वाहनों पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।
- सुरक्षा उपकरण: वाहनों में स्पीड गवर्नर, अग्निशमन यंत्र, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस सिस्टम, और खिड़कियों पर हॉरिजॉन्टल ग्रिल अनिवार्य हैं।
- वाहन संचालन: वाहन की गति 40 किमी/घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। चालक के पास हैवी वाहन लाइसेंस और कम से कम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
- चालक का चरित्र सत्यापन: चालकों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य है, और नशे की हालत में वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
- अतिरिक्त व्यवस्था: प्रत्येक स्कूल वाहन में परिचालक की उपस्थिती, स्कूल का नाम व मोबाइल नंबर अंकित करना, और दो अलग-अलग प्रवेश-निकास द्वारों की व्यवस्था अनिवार्य है।
- ट्रांसपोर्ट मैनेजर: सभी स्कूलों को एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर नियुक्त करना होगा, जो वाहनों के रखरखाव और दस्तावेजों की जिम्मेदारी संभालेगा।
तीन दिन का अल्टिमेटम
यातायात प्रभारी ज्योति दुबे ने स्कूल संचालकों को तीन दिनों के भीतर सभी मापदंड पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में उपस्थिति
बैठक में जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गौतम, यातायात प्रभारी ज्योति दुबे के साथ-साथ अनूपपुर जिले के विभिन्न निजी स्कूलों के प्रबंधक उपस्थित रहे। यह बैठक बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूली वाहनों के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।



