अनूपपुर,
जिले के प्रतिष्ठित निजी विद्यालय लिटिल स्टेप स्कूल प्रबंधन पर अभिभावकों और पुस्तक विक्रेताओं द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने जानबूझकर शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए पुस्तक सूची जारी करने में देरी की, जबकि एक विशेष किताब दुकान को पहले ही सूची उपलब्ध करवा दी गई, जिससे उस दुकान को समय रहते किताबों का स्टॉक मंगवाने का अवसर मिला।
शिकायतकर्ता ने इस मामले को “पूर्व नियोजित रणनीति” बताते हुए कहा है कि यह पूरी प्रक्रिया अभिभावकों को विशेष दुकान की ओर मजबूर करने और कमीशनखोरी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। इससे अन्य पुस्तक विक्रेताओं को व्यापार में नुकसान झेलना पड़ा, साथ ही अभिभावकों को महंगी दरों पर किताबें खरीदनी पड़ीं।
शिकायतकर्ता ने बताया कि किताबों की सूची मई के अंत तक जारी की जानी चाहिए थी, ताकि सभी पुस्तक विक्रेता समान रूप से तैयारी कर सकें और अभिभावकों को भी विकल्प उपलब्ध हो। लेकिन सूची जानबूझकर जून के दूसरे सप्ताह में जारी की गई, जबकि एक दुकान पर पहले से ही सभी किताबें उपलब्ध थीं।
इस स्थिति में अभिभावकों को विकल्पहीन होकर उसी दुकान से ऊँची कीमतों पर किताबें खरीदनी पड़ीं, जिससे उनके बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन और चुनिंदा दुकानदारों के बीच आपसी मिलीभगत है, जिसके चलते पारदर्शिता और निष्पक्षता पूरी तरह से समाप्त हो गई है।
इस संबंध में लिखित शिकायत जिला कलेक्टर को सौंपते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं होती, तो अभिभावक और स्थानीय व्यापारी मिलकर उग्र प्रदर्शन करेंगे



