अनूपपुर। जिले के ग्राम गोरसी में जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गौतम और यातायात प्रभारी ज्योति दुबे की संयुक्त पहल से आयोजित ड्राइविंग लर्निंग लाइसेंस कैंप ने ग्रामीणों के लिए एक नई राह खोली। यह कैंप हाल ही में आयोजित ट्रैफिक चौपाल के दौरान ग्रामीणों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कैंप की मांग के जवाब में लगाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में यह पहल एक मील का पत्थर साबित हुई।कैंप में कुल 38 ग्रामीणों को लर्निंग लाइसेंस जारी किए गए, जिनमें 24 महिलाएं और 14 पुरुष शामिल थे। मध्य प्रदेश शासन की महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाली नीति के तहत सभी 24 महिलाओं को निशुल्क लाइसेंस प्रदान किए गए। यह सुविधा न केवल ग्रामीण महिलाओं को वाहन चलाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि उनकी आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता को भी मजबूती देगी। पुरुषों के लिए भी लाइसेंस प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया, जिससे ग्रामीणों में उत्साह देखा गया।कैंप का आयोजन गोरसी के सामुदायिक भवन में किया गया, जहां सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी थी। परिवहन विभाग की टीम ने आवेदन प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाए रखा। कैंप में शामिल होने वाले ग्रामीणों को न केवल लाइसेंस बनाने की सुविधा मिली, बल्कि ट्रैफिक नियमों और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी प्रदान की गई। यातायात प्रभारी ज्योति दुबे ने ग्रामीणों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, और गति सीमा का पालन करने जैसे बुनियादी नियमों की महत्ता समझाई।इसके साथ ही, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा शुरू की गई कैशलेस इलाज योजना की विस्तृत जानकारी दी गई। इस योजना के तहत दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, जिससे ग्रामीणों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ा। कैंप में उपस्थित ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक सार्थक कदम बताया।कैंप की सफलता में जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गौतम और यातायात प्रभारी ज्योति दुबे के नेतृत्व के साथ-साथ उनकी टीम की मेहनत शामिल थी। आरक्षक गणेश यादव, आलोक कुशवाहा, योगेंद्र सिंह, और आरटीओ कार्यालय से अंकित जायसवाल, आदित्य मिश्रा, और दीपक ने व्यवस्था को सुचारू रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रामीणों के लिए लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऑन-स्पॉट दस्तावेज सत्यापन और फोटोग्राफी की व्यवस्था की गई थी।जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गौतम ने बताया कि इस तरह के कैंप ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण, खासकर महिलाएं, न केवल ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करें, बल्कि सड़क पर सुरक्षित और जिम्मेदार नागरिक बनें।” यातायात प्रभारी ज्योति दुबे ने भी ग्रामीणों से अपील की कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।गोरसी के इस कैंप ने न केवल ग्रामीणों को सुविधा प्रदान की, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच एक मजबूत रिश्ता भी कायम किया। ग्रामीणों ने इस पहल को “घर तक पहुंची सरकार” की संज्ञा दी। यह कैंप ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण, और प्रशासनिक जवाबदेही का एक जीवंत उदाहरण बन गया। भविष्य में ऐसे और कैंप आयोजित करने की मांग ग्रामीणों ने उठाई है, ताकि जिले के अन्य गांवों को भी इसका लाभ मिल सके।
गोरसी में ड्राइविंग लाइसेंस कैंप , 38 ग्रामीणों को मिला लर्निंग लाइसेंस, 24 महिलाओं को निशुल्क सुविधा
