अमरकंटक (उमाशंकर पाण्डेय मुन्नू संवाददाता अमरकंटक) धार्मिक नगरी अमरकंटक में महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री व्रत पुरे विधी विधान से किया आज दोपहर सवा बारह बजे के बाद अमावस्या लग रहा था तब उसके उपरांत महिलाओं ने वट वृक्ष की विधि विधान से पूजा अर्चन कर सौभाग्यशाली होने की कामना की ।।क्यों किया जाता है पुजा ।।।यह व्रत पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है. इस व्रत में वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा का विशेष महत्व है. यह परंपरा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि पौराणिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यंत गूढ़ अर्थ लिए हुए है.वट सावित्री की पूजा करने से क्या होता है।वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाएं वैवाहिक जीवन की खुशहाली और अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। महिलाएं इस दिन देवी गौरी की पूजा करती हैं और देवी का दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री व्रत सावित्री और सत्यवान की कहानी से जुड़ा है।