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जमुई फिर जुए के जाल में: पड़ोसी जिले का कालू जुआरी बना सरगना, शहडोल पुलिस की चुप्पी पर सवाल

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शहडोलशहडोल जिले का जमुई गांव एक बार फिर जुए की गंदी लत की वजह से बदनाम हो रहा है। शहडोल पुलिस कप्तान के सख्त निर्देशों के बावजूद, जहां सट्टा और जुआ जैसे अपराधों पर पूरी तरह लगाम कसने की बात कही गई थी, वहां पड़ोसी जिले का एक शातिर जुआरी कालू ने जमुई को अपना अड्डा बना लिया है। बताया जा रहा है कि पाली का ये कुख्यात जुआरी, अपने साथियों के साथ मिलकर बघेल ढाबा के पीछे जुए की फड़ जमाने में जुट गया है। मामला जब मीडिया की नजर में आया तो फड़ की जगह बदल-बदलकर गोधरा डेक्कन फैक्ट्री के आसपास और अन्य ठिकानों पर ले जाया गया, लेकिन हेलीपैड को इन जुआरियों ने अपना पक्का ठीहा बना लिया है।जमुई की साख पर बट्टा, पुलिस की कार्यशैली पर सवालजमुई, जो कभी अपनी शांत और पाक-साफ हवा के लिए जाना जाता था, अब जुए की गंदगी से बदनाम हो रहा है। पहले रजुश जैसे जुआरियों ने इस गांव की हवा को खराब किया, और अब पड़ोसी जिले से आए कालू जुआरी ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। सोहागपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जमुई में बाहरी जुआरियों को संरक्षण मिलना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। ग्रामीणों की मानें तो स्थानीय जुआरी भी अब इस फड़ में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इतना ही नहीं, कटनी के बड़वारा से लेकर छत्तीसगढ़ के महेंद्रगढ़ और बैकुंठपुर तक के जुआरी इस फड़ में रात-दिन जुट रहे हैं, और हर दिन लाखों रुपये का खेल हो रहा है।कालू का काला कारोबार, मैनेजमेंट का लिफाफा!पाली का नामचीन जुआरी कालू, जिसका नाम जुए की दुनिया में दूर-दूर तक मशहूर है, ने जमुई में अपनी जड़ें जमा ली हैं। सूत्रों की मानें तो कालू और उसके साथियों ने स्थानीय जुआरियों को साथ मिलाकर जुए की फड़ को रोजाना का धंधा बना लिया है। हर हफ्ते मोटी रकम के लिफाफे स्थानीय जिम्मेदारों तक पहुंचाए जा रहे हैं, जिसके चलते पुलिस की आंखें बंद और कान मूंदे हुए हैं। यही वजह है कि जुआ फड़ का ये गोरखधंधा बेरोक-टोक चल रहा है, और मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।पुलिस की चुप्पी, ग्रामीणों में रोषशहडोल पुलिस कप्तान के सख्त निर्देशों के बावजूद, सोहागपुर पुलिस की चुप्पी ग्रामीणों के गुस्से को भड़का रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों पुलिस इस गैरकानूनी धंधे पर नकेल कसने में नाकाम है? कालू जैसे बाहरी जुआरियों को जमुई में खुली छूट कैसे मिल रही है? ग्रामीणों का कहना है कि जुआ फड़ की वजह से गांव का माहौल खराब हो रहा है, और नौजवानों में जुए की लत बढ़ती जा रही है।क्या कहते हैं जानकार?जानकारों की मानें तो कालू का जुआ फड़ न सिर्फ शहडोल, बल्कि आसपास के जिलों में भी चर्चा का विषय बन चुका है। कटनी, छत्तीसगढ़ और अन्य इलाकों से जुआरी इस फड़ में शामिल होने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। हर रात लाखों रुपये की नकदी का लेन-देन हो रहा है, और ये पैसा काले धंधे को और बढ़ावा दे रहा है। ग्रामीणों की शिकायत है कि पुलिस को सब कुछ पता होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।पुलिस से अपील, जमुई की साख बचाएंजमुई के लोग अब पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि इस जुआ फड़ पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। गांव की साख को बचाने और नौजवानों को जुए की लत से दूर रखने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने होंगे। सवाल ये है कि क्या शहडोल पुलिस कप्तान के निर्देशों का पालन करते हुए कालू और उसके साथियों पर शिकंजा कसेगी, या फिर जमुई एक बार फिर जुए की गंदगी में डूबता चला जाएगा?अब देखना ये है कि पुलिस इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाती है, या फिर कालू जुआरी का ये काला खेल यूं ही चलता रहेगा। ग्रामीणों की नजर अब पुलिस की कार्रवाई पर टिकी है।

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