अमरकंटक। जीवनदायिनी माँ नर्मदा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने हेतु मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी की अध्यक्षता में गठित मंत्रीमंडल समिति की पहली बैठक में नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए विशेष निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में जन अभियान परिषद को सामुदायिक सहभागिता एवं जनजागरूकता गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस निर्देश के पालन में परिषद द्वारा प्रदेश के नर्मदा तटवर्ती 16 जिलों के 51 विकासखंडों की 535 ग्राम पंचायतों में दिनांक 25 मई से 5 जून तक नर्मदा पथ सर्वेक्षण व जनजागरूकता यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।अनूपपुर जिले में इस पाँच दिवसीय यात्रा का शुभारंभ पवित्र नगरी अमरकंटक से हुआ। यात्रा की शुरुआत वैतरणी नदी में श्रमदान एवं स्वच्छता अभियान के साथ की गई। इसके पश्चात मृत्युंजय आश्रम में विधिवत यात्रा शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी श्री रामभूषण दास जी महाराज ने आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा, “पुण्यसलिला माँ नर्मदा की सेवा करना परम सौभाग्य का विषय है। आप सभी लोग अत्यंत सौभाग्यशाली हैं जिन्हें यह कार्य करने का अवसर मिला है।” उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की सराहना करते हुए आशा जताई कि सर्वेक्षण के उपरांत परिक्रमा पथ पर विकास कार्यों को गति मिलेगी।कार्यक्रम में कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) श्री रामलाल रौतेल, नर्मदा मंदिर पुजारी श्री धनेश दुबेदी, अंबिका तिवारी, संभाग समन्वयक श्री भीम सिंह डामोर, जिला समन्वयक श्री उमेश पांडेय, नगर पालिका अमरकंटक के सीएमओ श्री संदीप शुक्ला, विकासखंड समन्वयक श्री फते सिंह सहित नवांकुर संस्था के प्रतिनिधि, परामर्शदाता, प्रस्फुटन समिति सदस्य एवं सीएमसीएलडीपी के छात्र उपस्थित रहे।इस अवसर पर श्री रामलाल रौतेल ने जन अभियान परिषद द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नर्मदा संरक्षण में परिषद की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।कार्यक्रम की रूपरेखा एवं यात्रा की कार्ययोजना संभाग समन्वयक श्री भीम सिंह डामोर द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन जिला समन्वयक श्री उमेश पांडेय ने किया।