राहुल मिश्रा
शहडोल के रसमोहनी में एक बंगाली डॉक्टर का अवैध क्लीनिक और पैथोलॉजी का खेल सालों से चल रहा है, और ऊपर से कोई कार्रवाई नहीं! जनता पूछ रही है, भैया, इन झोलाछापों को आखिर कौन पनाह दे रहा है?गांव वालों की जान से खिलवाड़ स्थानीय लोग बताते हैं कि ये तथाकथित डॉक्टर साहब के पास न तो कोई मान्यता है, न ही मेडिकल डिग्री का ठिकाना। फिर भी धड़ल्ले से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कई बार गलत इलाज से मरीजों की हालत बिगड़ चुकी है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर थाने तक शिकायतें ठोंकीं, पर हर बार उनकी सुनवाई को ठेंगा दिखाया गया।सूत्रों का खुलासा: मैनेजमेंट का खेल!बात निकली तो सूत्रों ने खुलासा किया कि इस अवैध धंधे के पीछे कोई बड़ा मेडिकल माफिया है। यही लोग मैनेजमेंट करके बंगाली डॉक्टर को बचाए हुए हैं। इतना ही नहीं, जो पत्रकार इसकी खबर लेने जाते हैं, उनके साथ बदतमीजी तक हो चुकी है। अब ये तो हद हो गई, भाई!CM के आदेशों की उड़ रही धज्जियांमुख्यमंत्री मोहन यादव ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा था, लेकिन रसमोहनी में तो उनके आदेशों को जूते की नोक पर रखा जा रहा है। सवाल ये है कि क्या प्रशासन सो रहा है, या फिर कोई गहरी सांठगांठ है?जनता का गुस्सा: अब होगी कार्रवाई?रसमोहनी के लोग तंग आ चुके हैं। सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने हल्ला बोल दिया है। मांग है कि इस पूरे मामले की हाई-लेवल जांच हो और झोलाछाप डॉक्टर के साथ-साथ उनके आकाओं को भी सलाखों के पीछे भेजा जाए।