“सिंहपुर के जंगलों में जुए का साम्राज्य: कानून को ठेंगा, क्या पुलिस की चुप्पी से फल-फूल रहा काला कारोबार..?शहडोल। संभागीय मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में जुए का धंधा दिनों-दिन बेलगाम होता जा रहा है। कानून और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए यह काला कारोबार अब खुलेआम फल-फूल रहा है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि पुलिस प्रशासन की जानकारी में होने के बावजूद इन अड्डों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि यह नाकामी है या कहीं कोई मिलीभगत?सिंहपुर थाना क्षेत्र में जुए का अड्डा, जंगलों में सजता है फड़स्थानीय सूत्रों के अनुसार सिंहपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में रोजाना शाम ढलते ही जुए के फड़ सजने लगते हैं, जो सुबह तक चलते रहते हैं। दूर-दराज से जुआरी यहां पहुंचते हैं और ‘शूटर’ कहे जाने वाले गुर्गे उन्हें अड्डे तक पहुंचाने का काम करते हैं। जुआ खेलने वालों से ₹500 की एंट्री फीस ली जाती है और जीतने वाले से 10% ‘नाल’ भी वसूली जाती है। इतना ही नहीं, यहां उधार में लाखों रुपये तक की रकम 10% रोजाना ब्याज पर उपलब्ध कराई जाती है।कानून का मजाक, कार्रवाई केवल दिखावाग्रामीणों का कहना है कि जब-जब पुलिस पर सवाल उठते हैं, नाममात्र की छापेमारी कर कुछ लोगों को पकड़ कर छोड़ दिया जाता है। इससे जुआरियों के हौसले और बढ़ते हैं। कई बार पुलिस को स्पष्ट सूचना देने के बावजूद कार्रवाई न होना यह संदेह पैदा करता है कि कहीं इस काले कारोबार को संरक्षण तो नहीं मिल रहा?परिवार टूट रहे, युवा बर्बादी की कगार परइस अवैध गतिविधि का सबसे बड़ा असर समाज पर पड़ रहा है। युवा वर्ग जुए की लत में फंसकर नशे और कर्ज में डूब रहा है। उनके माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन व्यवस्था मौन है।स्थानीयों का सवाल – आखिर कब तक?अब समाज का यह सवाल बन चुका है कि आखिर कब तक यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहेगा? कब पुलिस सख्त कदम उठाएगी और कब इस कारोबार की जड़ों तक पहुंचकर इसे खत्म किया जाएगा?