
सेतु निर्माण में अर्णव बिल्डकॉन पर गंभीर आरोप, मजदूरों के शोषण और निर्माण में लापरवाही का मामला उजागर
राहुल मिश्रा
शहडोल/धनपुरी। धनपुरी नगर पालिका अंतर्गत अमराडंडी रेल्वे फाटक क्षेत्र में निर्माणाधीन एक प्रमुख सेतु परियोजना में कार्यरत निर्माण एजेंसी अर्णव बिल्डकॉन पर मजदूरों के शोषण और गंभीर निर्माणीय अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कंपनी द्वारा निर्माण मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिससे न केवल सेतु की संरचनात्मक गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है, बल्कि निर्माण स्थल पर कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।वाइब्रेटर के सही उपयोग के अभाव में घटिया फिनिशिंगस्थानीय सूत्रों के मुताबिक, निर्माणाधीन पिलरों में वाइब्रेटर मशीन का समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण कंक्रीट की एकरूपता और मजबूती प्रभावित हो रही है। कई स्थानों पर सरिया (लोहे की छड़ें) खुली नजर आ रही हैं, जो निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति भविष्य में संरचनात्मक क्षति या दुर्घटना का कारण बन सकती है।सरिया छिपाने के लिए लीपापोती, सीमेंट कोटिंग का सहाराजानकारी के अनुसार, जब यह खामी सामने आई तो ठेकेदार द्वारा सरिया को छुपाने के लिए मजदूरों से सीमेंट की कोटिंग करवाई गई। यह प्रयास निर्माण खामियों को छुपाने का प्रतीत होता है, बजाय उन्हें तकनीकी रूप से दुरुस्त करने के। इससे स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य में स्थायित्व से अधिक दिखावटी उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है।बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूर कर रहे जोखिम भरा कार्यसबसे चिंताजनक पहलू यह है कि श्रमिकों को बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करने पर मजबूर किया जा रहा है। मौके पर सुरक्षा हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, जैकेट जैसे मूलभूत सुरक्षा साधनों का अभाव स्पष्ट रूप से देखा गया। यह न सिर्फ श्रमिकों की जान को खतरे में डालता है, बल्कि सभी श्रम सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन भी है।समय पर मजदूरी नहीं, विरोध करने पर धमकीमजदूरों ने बताया कि मजदूरी समय पर नहीं मिल रही, और अत्यधिक कार्य का कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाता। विरोध करने पर उन्हें काम से निकालने या भुगतान रोकने की धमकी दी जाती है। यह सीधे तौर पर श्रम कानूनों और मानवाधिकारों का हनन है।प्रशासन मौन, निर्माण कार्य की तकनीकी जांच की मांगस्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि निर्माण कार्य की स्वतंत्र तकनीकी जांच कराई जाए। साथ ही दोषी पाए जाने पर कंपनी अर्णव बिल्डकॉन के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। लोगों की मांग है कि श्रमिकों के सुरक्षा, वेतन और कार्य स्थितियों में तुरंत सुधार किया जाए।